Tuesday, September 25, 2018

व्हाट्सएप ने नियुक्त किया शिकायत निपटान अधिकारी

फर्जी संदेशों पर शिकंजा कसने को लेकर सरकार का दबाव झेल रही मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने भारत के लिये शिकायत निपटान अधिकारी की नियुक्त की है। फर्जी खबरों समेत अन्य शिकायतें और चिंतायें दूर करने की जिम्मेदारी इसी की होगी। उल्लेखनीय है कि देश के कई हिस्सों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने की घटनायें सामने आने के बाद भारत ने व्हाट्सएप से फर्जी संदेशों के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिये जरूरी कदम उठाने को कहा था।
फेसबुक की स्वामित्व वाली मैसेजिंग कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर ‘भारत के लिये शिकायत निपटान अधिकारी’ नियुक्त करने की जानकारी दी है। इसमें कहा गया कि उपयोगकर्ता मोबाइल एप के माध्यम से या ई-मेल भेजकर कोमल लाहिरी की मदद ले सकते हैं। अधिकारी अमेरिका में रहकर ही काम संभालेंगी
व्हाट्सएप की वेबसाइट की मुताबिक, उपयोगकर्ता एप के ‘सेटिंग्स’ विकल्प के माध्यम में सीधे कंपनी की सपोर्ट टीम से संपर्क कर सकते हैं। यदि वे शिकायत को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो सीधे शिकायत अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।ट्रंप प्रशासन ने ऐसे नये नियम तैयार किए हैं, जिनके तहत उन प्रवासियों को ग्रीन कार्ड देने से इनकार किया जा सकता है, जिन्होंने भोजन और नकद सहायता सहित अन्य प्रकार की सरकारी सहायता का लाभ उठाया है या जो इनका लाभ उठा सकते हैं। नये नियम से अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीय प्रभावित हो सकते हैं।
गृह सुरक्षा मंत्री ने इन प्रस्तावित नियमों पर 21 सितंबर को हस्ताक्षर किए हैं और इसे मंत्रालय (डीएचएस) की वेबसाइट पर डाला गया है। वहीं, सिलिकॉन वैली स्थित टेक-इंडस्ट्री और नेताओं ने इसकी आलोचना की है। नियम के मुताबिक, ऐसे प्रवासी जो अपनी स्थिति अथवा वीजा में बदलाव कराना चाहते हैं या जिन्होंने आने के लिए आवेदन दिया है, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी भी वक्त सरकारी सहायता नहीं लेंगे। प्रवासियों पर ऐसा निर्णय उस वक्त आया है, जब ट्रंप प्रशासन ने कुछ दिन पहले एक संघीय अदालत को बताया है कि वह एच-4 वीजा धारकों के वर्क परमिट को रद्द करने पर अगले तीन माह के अंदर कोई निर्णय ले लेगा। इस नीति का सर्वाधिक लाभ भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों को मिला है। इस नियम के हटने से सबसे ज्यादा असर भारतीय महिलाओं पर पड़ेगा।
यह है प्रस्ताव में
डीएचएस ने प्रस्ताव दिया है कि सभी प्रवासी जो रुकने के समय को बढ़ाना चाहते हैं अथवा स्थिति में बदलाव चाहते हैं उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि उन्होंने सरकारी सहायता का लाभ न तो उठाया है, न ही उठा रहे हैं और न ही आगे उठाएंगे। गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टजेन नीलसेन ने कहा कि लंबे समय से चले आ रहे संघीय कानून के तहत अमेरिका में प्रवास की इच्छा रखने वालों को यह दिखाना होता है कि वे आर्थिक रूप से सक्षम है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल तक 632,219 भारतीय प्रवासियों को ग्रीन कार्ड का इंतजार था।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल विमान सौदा रद्द करने से इनकार करते हुए कहा है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद इस सौदे पर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। जेटली ने रविवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि न भारत और न ही फ्रांस सरकार की दसॉल्ट द्वारा रिलायंस को भागीदार चुनने में कोई भूमिका रही है। राफेल सौदे पर ओलांद के बयान के बाद भारत में भारी राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उंगली उठाई है और साथ ही रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की है।
जेटली ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदा रद्द करने का सवाल नहीं उठता। यह सौदा देश की रक्षा जरूरत को पूरा करने के लिए किया गया है। जेटली ने कहा, ‘कोई प्रश्न नहीं उठता। यह फौज की आवश्यकता है। रक्षा बलों को इसकी जरूरत है।’ वित्त मंत्री ने कहा ‘ओलांद ने बाद में अपने वक्तव्य में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि भारत सरकार ने रिलायंस डिफेंस के लिये कोई सुझाव दिया। भागीदारों का चुनाव खुद कंपनियों ने किया। सच्चाई दो तरह की नहीं हो सकती है।’ हालांकि, बाद में फ्रांस सरकार और दसॉल्ट एविएशन ने पूर्व राष्ट्रपति के पहले दिये बयान को गलत ठहराया है। जेटली ने कहा कि दसॉल्ट खुद कह रही है कि यह उसका खुद का फैसला है।
ओलांद, राहुल के बयान में ‘जुगलबंदी’
जेटली ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा है कि ओलांद और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान में कुछ जुगलबंदी लगती है। जेटली ने कहा, ‘मुझे हैरानी है कि 30 अगस्त को राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि राफेल सौदे पर फ्रांस में धमाका होने वाला है। उन्हें इस बारे में कैसे पता चला?’
‘क्या किसी क्वात्रोच्ची के इंतजार में थी कांग्रेस’
मथुरा : उत्तर प्रदेश में कबीना मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कहा कि राफेल खरीद के बारे में फ्रांस सरकार से बातचीत की प्रक्रिया 2007 में शुरू हुयी थी। उस समय केन्द्र में कांग्रेस सरकार थी। 2007 से 2014 के बीच कांग्रेस ने इस सौदे को शायद इसलिये सिरे नही चढ़ने दिया क्योंकि उसे किसी क्वात्रोच्ची के आने का इंतजार था।
शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला : कांग्रेस
नयी दिल्ली : कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने राफेल सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। उन्होंने कहा कि इसमें भ्रष्टाचार का आरोप सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है। इसलिए अपने बचाव में मंत्रिमंडल के सहयोगियों को आगे करने की बजाए उन्हें खुद इसका जवाब देना चाहिए।

Thursday, September 6, 2018

पाकिस्तान एटमी हथियार के मामले में जल्द ही पांचवीं ताकत बन सकता है, भारत ही उसका लक्ष्य: रिपोर्ट

किस्तान तेजी से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। अभी उसके पास 140 से 150 परमाणु हथियार और भंडार हैं।  2025 तक यह आकंड़ा 220 से 250 तक पहुंचने का अनुमान है। इस तरह वह दुनिया में इस मामले में पांचवीं बड़ी ताकत बन सकता है। अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 
इस रिपोर्ट पर काम करने वाले हंस एम क्रिस्टनसेन, रॉबर्ट एस नोरिस और जुलिया डायमंड ने कहा कि करीब 10 साल में पाकिस्तान 350 परमाणु हथियारों के साथ दुनिया में तीसरी बड़ी एटमी ताकत बन सकता है।
इसलिए भरोसेमंद हैं यह रिपोर्ट : यह रिपोर्ट सालाना जारी होती है। इस पर भरोसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इसमें उन तमाम स्रोतों का भी आकलन किया जाता है जिसके आधार पर अनुमान लगाया गया। इसमें पाकिस्तान के सैन्य अड्डों और एयरफोर्स के ठिकानों के अध्ययन के आधार पर कहा गया है कि वहां लगातार परमाणु हथियारों का भंडार बढ़ाने की तैयारियां चल रही हैं।
कम दूरी की मिसाइलें बना रहा पाक : रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों से लैस कम दूरी की मिसाइलों के विकास पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह सिर्फ भारत के साथ परमाणु युद्ध की तैयारी कर रहा है।  युगांडा दुनिया का सबसे ऊर्जावान और कुवैत सबसे सुस्त देश है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 168 देशों के सर्वे में यह निष्कर्ष सामने आया है। इस रैकिंग में भारत का 117वां स्थान है। ब्रिटेन 123 और अमेरिका 143वें नंबर पर हैं। 
देशों की रैकिंग के लिए पर्याप्त व्यायाम को पैमाना माना गया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हफ्ते में कम से कम 75 मिनट का सख्त व्यायाम या फिर 150 मिनट की धीमी शारीरिक गतिविधियां करना पर्याप्त व्यायाम है। इसमें युगांडा के लोग सबसे आगे रहे। सर्वे में बताया गया कि युगांडा में सिर्फ 5.5% लोग ऐसे हैं, जो पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं हैं। निया के 140 करोड़ लोग निष्क्रिय:  डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के हर चार में से एक यानी करीब 140 करोड़ वयस्क पर्याप्त एक्सरसाइज नहीं करते। कुवैत, सऊदी अरब और इराक की आधी से ज्यादा आबादी इस मामले में पीछे है। इससे डायबिटीज, कैंसर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ज्यादातर देशों में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम सक्रिय हैं। गरीब देशों के लोग कई अमीर देशों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा सक्रिय हैं। 
रिपोर्ट में कहा गया कि बैठे-बैठे काम करने वाले पेशे और वाहनों पर निर्भरता इसकी वजह है। साल 2001 से 2016 के बीच ग्लोबल एक्सरसाइज लेवल में खास सुधार नहीं हुआ। विश्व स्वास्थ्य संगठन 2025 के लक्ष्य में पिछड़ गया। डब्ल्यूएचओ अगले 7 साल में शारीरिक निष्क्रियता का स्तर 10% कम करना चाहता है। इसके मुताबिक ज्यादातर देशों में तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।ई दिल्ली/लाहौर. पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का भारत से पुराना रिश्ता है। उनके पिता डॉक्टर हबीब रहमान इलाही अल्वी बंटवारे से पहले जवाहर लाल नेहरू के डेंटिस्ट थे। यह जानकारी उनके राष्ट्रपति चुने जाने के बाद सत्तासीन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की वेबसाइट में डाली गई। आरिफ के पिता का जन्म अविभाजित भारत के कराची में हुआ था। बंटवारे के बाद उन्होंने कराची में ही बसने का फैसला किया। राष्ट्रपति अल्वी भी डेंटिस्ट हैं।
5 दशक पहले शुरू हुआ था राजनीतिक करियर: आरिफ अल्वी का राजनीतिक सफर 5 दशक पहले पंजाब के लाहौर स्थित मॉन्टमानरेंसी कॉलेज ऑफ डेन्टिस्ट्री में पढ़ाई के दौरान शुरू हुआ था। वे छात्रों के एक दल जमात-ए-इस्लामी का हिस्सा थे और तानाशाह जनरल अयूब खान के विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे। एक प्रदर्शन के दौरान उन्हें गोली लग गई थी। आज भी अल्वी के दाहिने हाथ में उस गोली का शेल मौजूद है।
इमरान के साथ पीटीआई के संस्थापक सदस्य रहे: अल्वी ने पहली बार जमात-ए-इस्लामी के टिकट पर 1979 में चुनाव लड़ा था, लेकिन इसमें उन्हें हार मिली थी। इसके बाद उन्होंने 1996 में बतौर संस्थापक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी बनाई और 1997 में चुनाव लड़ा। इसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, पार्टी में किए कामों के लिए उनका पद लगातार बढ़ता रहा। 2006 से 2013 तक वे पार्टी के जनरल सेक्रेटरी रहे। 2013 में वे कराची से पहली बार सांसद चुने गए और 2018 में फिर उन्हें चुनाव में जीत मिली।