Tuesday, June 18, 2019

मैं उसकी शादी के लिए पैसा जमा कर रहा था

वेंकटेश, वेन्नेला से केवल एक साल बड़े हैं. वे पिछले साल कॉमर्स और सिविक्स (नागरिक शास्त्र) की परीक्षा पास नहीं कर पाए थे.
वे बताते हैं, "मैं और मेरी बहन, इस साल की परीक्षा के लिए एक साथ तैयारी कर रहे थे. कई बार तो उसके कई साथी भी उससे विषयवस्तु को समझने के लिए आते थे. वह मुश्किल कॉन्सेप्ट को याद करने के आसान ट्रिक सब बताती थी."
वेन्नेला अपनी ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी करना चाहती थी.
निज़ामाबाद की उपभोक्ता अदालत में अटेंडेंट के तौर पर काम करने वाले वेन्नेला के पिता टी गोपालकृष्ण बताते हैं, "जब भी मैं उसकी शादी की बात करता था, वो मुझे झिड़कने लगती थी. कहती थी कि जीवन में बहुत कुछ है, शादी करने के अलावा. वो कहती थी कि डिग्री हासिल करने से सोसायटी में सम्मान मिलेगा. जब वेन्नेला का जन्म हुआ था तबसे मैंने शराब पीनी छोड़ दी. मैं उसकी शादी के लिए पैसे बचाने लगा था. लेकिन वह चाहती थी कि मैं उसकी पढ़ाई पर खर्च करूं."
वेंकटेश अपना पर्स खोलकर अपनी बहन की तस्वीर दिखाते हुए कहते हैं कि ये हमेशा उनके पास रहती है.
वेंकटेश कहते हैं, "हमारे झगड़े भी होते थे. कई बार उसके मजाक से मैं चिढ़ जाता था. वो बाइक को लेकर मेरे से झगड़ती थी. जब कभी मैं बाजार जाता था तो वह मुझे स्नैक्स लाने को कहती थी. पानी पूरी उसकी फेवरिट थी. मुझे नहीं लगता कि अब कभी मैं पानी पूरी खाने जा पाऊंगा."
वेन्नेला की कजिन अमूल्या ने दसवीं की पढ़ाई पूरी की है. अमूल्या का जब रिजल्ट निकला तब वेन्नेला उनके साथ थीं.
उन्होंने बताया, "अक्का ने इंटरमीडिएट में मुझे मैथ्स लेने की सलाह दी थी. उनका कहा था कि मेरी मैथ्स अच्छी है तो मैथ्स लेने से मेरा भविष्य बेहतर होगा. वो जब भी हमारे यहां आती थीं, हमारे लिए फेवरिट डिश बनाती थीं. हमलोग साथ में कॉमेडी शो देखते थे. अपने आस-पड़ोस के लोगों को हंसाने के लिए वो जोक्स सुनाती रहती थी."
जिस दिन वेन्नेला का रिजल्ट आया, वो दिन भी आम दिनों की तरह ही गुजरा था. शाम में पिता के मोबाइल फोन पर उन्होंने अपना रिजल्ट देखा. वेन्नेला की मां बताती हैं कि रिजल्ट देखने के बाद उसे रिजल्ट पर यकीन नहीं हो रहा था.
वेन्नेला की मां याद करती हैं, "वो लगातार कह रही थी कि फेल कैसे हो सकती हूं. हमने उसे समझाया कि कोई बात नहीं है. तुम फिर से जांच के लिए अप्लाई कर दो और फिर से परीक्षा दे देना. मैं रात का खाना बनाने किचन में गई. अगले ही मिनट में मैंने उसे वॉशरूम से रोते हुए निकलते देखा. वो बता रही थी कि चूहे मारने वाली दवा उसने पी ली है. वो परीक्षा में फेल हो गई है, इसलिए उसे मर जाना चाहिए. अस्पताल में भी वो लगातार कहती रही कि मुझे पास होना चाहिए था. उसे इस बात की चिंता ज्यादा हो रही थी कि वो उन विषयों में कैसे फेल हो गई, जिसमें वह मजबूत थी."
वे बताते हैं, "हम लोगों का जन्म कुछ ही दिनों के अंतर से हुआ था. हमलोग बचपन से एक ही साथ पढ़ते थे. वो मेरे हर अच्छे-बुरे काम का साथी, मेरा सबसे बेहतरीन दोस्त और सबकुछ था. हमलोग साथ में ही कॉलेज भी जाते थे. हम दोनों को मैथ्स से प्यार था. उसे कंप्यूटर लैंग्वेज की भी बेहतरीन समझ थी. उसकी वजह से ही मेरी दिलचस्पी इस क्षेत्र में जगी थी."
किरण के पिता सारंगापानी सब्जी बेचते हैं. दो कमरों के घर के एक कोने में पड़े गिटार को उन्होंने दिखाते हुए कहा कि बेटे को संगीत से भी प्यार था. कमरे में एक फोटो फ्रेम भी है जिसमें गिटार के साथ किरण की तस्वीर है.
सारंगापानी बताते हैं, "वीडियो देखकर उसने गिटार बजाना सीखा था. वो स्कूल और कॉलेज के आयोजनों में गिटार बजाता था. तेलुगू फ़िल्मों की कम से कम पांच-छह गानों की धुन वो बजा लेता था." 
किरण की मां अब तक बेटे को खोने के सदमे से उबर नहीं पाई हैं. किरण उनका इकलौता बेटा था. किरण अदब से बात करने वाला और व्यवहार वाला लड़का था.
किरण के पिता कांपती हुई जुबां में कहते हैं, "उसे अपनी तस्वीरें लेने का बड़ा शौक था. वह कई तरह के पोज बना लेता था. अब तो हमारे पास केवल तस्वीरें ही बची हैं."
युगेश और किरण तेलुगू फिल्में भी देखा करते थे. युगेश बताते हैं, "अल्लू अर्जुन हमारे फेवरिट एक्टर थे. हमें जब भी वक्त मिलता तब हम उनकी फिल्में देखते थे."
जिस दिन रिजल्ट निकला, उस रात युगेश और किरण एक ही कमरे में सोए थे. युगेश के मुताबिक रात के भोजन के वक्त किरण थोड़ा डिस्टर्ब दिख रहा था.
युगेश ने बताया, "पता नहीं वो कब उठा और बाहर निकल गया. शाम में रिजल्ट के बारे में उसने ज्यादा बात नहीं की थी."
किरण का क्षत विक्षत शव रेलवे ट्रैक पर मिला था. माना जा रहा है कि मध्यरात्रि में किरण अपने घर से बाहर निकला होगा और चलती हुई ट्रेन के सामने कूद गया था.

Monday, June 10, 2019

क्या होगा जब मोदी-इमरान और विराट-सरफ़राज़ होंगे आमने-सामनेः वुसअत का ब्लॉग

पाकिस्तान के लिए आज से शुरू होने वाला हफ़्ता बहुत तूफ़ानी है. कल यानी मंगलवार को पाकिस्तान अगला आर्थिक वर्ष का बजट पेश करने वाला है.
सभी का यहां ख़ून सूख रहा है यह सोच-सोच कर कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से अगले तीन साल के लिए ब्याज पर छह अरब डॉलर मिलने से पहले देश की अर्थव्यवस्था में आर्थिक संतुलन लाने के नाम पर कौन-कौन से टैक्स जनता पर लादे जाएंगे.
सेना ने भी ऐलान कर दिया है कि उसे नए बजट में कोई नया पैसा नहीं चाहिए, जितना पैसा मिल रहा है उतना अगले वर्ष के लिए भी काफ़ी होगा, यानी एक हज़ार एक करोड़ रुपये.
लेकिन जब सेना ने कमर बांध ली है तो व्यापारी, उद्योगपति, पूंजीपति और करोड़ों लोगों की क्या मजाल कि नए टैक्सों पर मुंह से सी... तक की आवाज़ भी निकाल सकें.
इसलिए आगामी बजट के इंतज़ार में हम सब दम साधे, सीट बेल्ट बांधे बैठे हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था की मौसम की ख़राबी के कारण आर्थिक उड़ान कम-से-कम अगले दो वर्ष के लिए बहुत ही झटकेदार होने वाली है, हो सके तो हमारे लिए दुआ कीजिएगा.
मंगलवार के बाद आएंगे गुरुवार और शुक्रवार, जब किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन की शिखर बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भी भाग लेंगे.
अभी तक तो यही कहा जा रहा है कि मोदी जी का विमान एक विशेष अनुमति पत्र के साथ बिश्केक आते-जाते पाकिस्तान के ऊपर से गुज़रेगा.
पर इसका ये मतलब तो नहीं कि दोनों नाराज़ नहीं हैं. दोनों एक ही हॉल में बैठेंगे और ग्रुप फ़ोटो में भी होंगे पर एक-दूसरे से नहीं मिलेंगे.
दोनों बाक़ी सब नेताओं से मिलेंगे पर एक-दूसरे से नहीं मिलेंगे.
दोनों नेताओं का यह बचपना बाक़ी नेता बहुत दिलचस्पी से देख कर मज़ा लेंगे. मगर ऐसा तो पहले भी हो चुका है कि नहीं मिलेंगी, नहीं मिलेंगे कहते हुए एक-दूसरे के सामने से गुज़रते हुए अचानक हाथ मिला लिए.
मीडिया ने बातें की, टिप्पणीकारों ने टिप्पणी की और बाद में मामला वही ढाक के तीन पात.
न मिलने से कोई लाभ, न ना मिलने से किसी का कोई नुक़सान.
इसके बाद आ जाएगा रविवार जब विश्व क्रिकेट कप में भारत और पाकिस्तान न चाहते हुए भी मैदान में एक-दूसरे के सामने खड़े होंगे.
पचास ओवर के मैच के दौरान भारत और पाकिस्तान के क़रीब 150 करोड़ लोग पागल होंगे और जो न जीता उसकी शामत और फिर ये हफ़्ता भी गुज़र जाएगा.
इसके बाद नए हफ़्ते में वही होगा जो सबकुछ होता आ रहा है. वाघा अटारी बॉर्डर गेट पर हवा को चीरती हुई और धरती को हिलाती सैनिकों की एड़ियां और हमारी गालियां, जय हिंद, पाकिस्तान ज़िंदाबाद होते रहेंगे.